Posted on 18-Jun-2016 11:18 AM
“महाराज ! मैं अपनी बुरी आदतें छुड़ाने के लिए क्या करूँ ?” संत बोले - “बेटा ! मैं तुम्हें इसकी युक्ति तो बाद में बताऊँगा ; क्योंकि अभी तो मुझे तुम्हारा अंत समय निकट दिखाई पड़ता है। तुम्हारे जीवन में मात्र एक माह बचा है।” इतना सुनते ही वह व्यक्ति चिंता में डूब गया और उसने शेष माह मात्र प्रायश्चित और भजन करने में गुजारा। उनतीसवें दिन संत फरीद ने उसे अपने पास बुलाया और उससे पूछा -“बेटा ! तेरी बुरी आदतों का क्या हुआ ?” उस व्यक्ति ने उत्तर दिया - “महाराज ! मेरे ऊपर मौत का भय इतना ज्यादा था कि सारी बुरी आदतें अपने आप छूट गईं।” संत बोले - “हर घड़ी मृत्यु को याद रखकर कर्म करोगे तो कभी भी बुरा कार्य नहीं हो सकेगा। तुम्हारा जीवन अभी शेष है, इसी सोच को लेकर जीवन जीओ।” उस व्यक्ति का जीवन सदा के लिए बदल गया।