हम अक्सर अपने घरो में गेहूँ का चोकर छानकर बाहर निकाल फेंकते हैं परन्तु यही चोकर अद्वितीय प्राकृतिक औषधि भी है। आइए जानते हैं इसी गुणकारी चोकर के विषय में कुछ नजदीक से। भोजन को पचाए - गेहूँ का चोकर भले ही देखने में खुरदुरा-सा आभास होता हो, परन्तु यह चबाते समय
आलूबुखारे का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। कहते हैं कि एक कटोरा भर के फलों में जितने पौष्टिक तत्व पाए जाते है उतने ही एक आलूबुखारे में होते हैं। आलूबुखारा कई पोषक तत्वों और मिनरल्स से भरपूर होता है। इसमें विटामिन, कैल्शियम, मैगनीशियम, काॅपर, आयरन, पोटेशियम और फाइबर मौजूद होते हैं। आलूबुखा
मीठी तुलसी को वन तुलसी (तुलसा) या नियाजबो भी कहते हैं। यह हरे रंग का पौधा होता है और इसकी पत्तियां आकार में अन्य तुलसी की पत्तियों से काफी बड़ी वह हरे रंग की होती हैं। इसके फूल गुच्छों में लगते हैं जो सुगंधित व हरे बैंगनी रंग के होते हैं। यह एंटीबायोटिक और एंटीवायरल होती है। इसकी 4-5 पत्तियां खान
कौन कर सकता हैरक्तदाता बनने की लिए 18 वर्ष उम्र और वनज 45 किलो होना जरूरी है।'रक्तदान के दिन धूम्रपान और शराब सेवन वर्जित है। रक्तदाता निरोगी होना चाहिए। कौन नहीं कर सकताएनीमिया रोगी अर्थात ह
कई लोगों से बढि़या स्वास्थ्य के बारे में जानना चाहा। तो ज्यादा ने कहा‘‘ सवेरे का टहलना ही मेरी सेहत का राज है। एक आदमी ने बड़े ही पते की बात बताई, जिसमें आम के आम और गुठलियों के दाम वाली बात सिद्ध हो गई। उन्होंने कहा, टहलना जरूरी है सेहत के वास्ते, दो मील निकल जाइए जंगल के रास्
लीची का नाम आते ही मुंह में एक अलग-सा रसभरा स्वाद घुल जाता है और मन से निकलता है-वाह! आखिर ऐसा क्यों न हो, जब फलों की रानी लीची की मिठास ही खास है। आइए जानें लीची के फायदे। फलों की रानी लीची गर्मियों की जान है। लीची का नाम आते ही मुंह में मिठास और रस-सा घुल जाता है। यह देखने में जितनी सुंद
थैलेसीमिया एक ऐसा आनुवंशिक रक्त विकार रोग है जिसमें रोगी के शरीर में लाल रक्त कण तथा हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य अवस्था से भी कम हो जाती है। वस्तुतः मानव शरीर में आक्सीजन का परिवहन तथा संचरण करने के लिए हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन की आवश्यकता पड़ती है और यदि यह न बने या सामान्य आवश्यकता से भी कम ब
बहुत गर्म भोजन, चाय तथा बहुत गर्म दूध पीना अथवा बहुत ठंडा भोजन, बर्फ या बर्फ पड़े पदार्थ खाना पेट को तो खराब करता ही है, इससे दाँत शीघ्र गिर जाते हैं। सोडा, वाटर लेमन हर कहीं पीने में भी सावधान रहना चाहिये।यदि तुम चाहते हो कि तुम्हारे दाँत सुदृढ़ रहें और पेट ठीक काम करे तो पान
झमाझम बारिश जहां सारी धरा को खूबसूरत बनाती है वहीं कई बीमारियों को आमंत्रित भी करती है। इन्हीं दिनों मच्छर का प्रकोप बढ़ता है और लोग मलेरिया के शिकार हो जाते हैं। यदि मच्छर जनित इस बीमारी से बचना हो तो सावधानी और घरेलू उपाय करें। मसलन इ
आजकल बच्चों में भी अस्थमा की समस्या आम हो चली है। स्वस्थ जीवनशैली बच्चों से अस्थमा को दूर रख सकती है। लेकिन विशेषज्ञों ने एंटी आॅक्सीडेंट से भरपूर ऐसे फलों और सब्जियों की पहचान की है जो दूसरी चीजों के मुकाबले बच्चों को अस्थमा से बचाने में अधिक सहायक हो सकती हैं। बच्चों को अस्थमा से बचाने में अधिक