भोजन में अधिक मात्रा में नमक के सेवन से न सिर्फ हृदय रोग का खतरा होता है, बल्कि यह खतरनाक मल्टिपल स्कलेरॉसिस (एमएस) नामक बीमारी का भी कारण हो सकता है, जो एक ऑटोइम्यून बीमारी है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ज्यादा मात्रा में नमक का सेवन प्रतिरक्ष
योग शरीर को लचीला बनाता है। जो मुद्रा शुरू में असंभव लगती है वह अभ्यास के बाद संभव हो जाती है| योग हमारे नर्वस सिस्टम को नियंत्रित कर शारीरिक व मानसिक परेशानियों से बचाता है। बोस्टन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता समूह का कहना है कि हमारी खोपड़ी (ब्रेन) के बेस से निकलने वाली सबसे
खर्राटे लेने वाला व्यक्ति दया का पात्र है। वह अपने साथ सोने वाले व्यक्ति की नींद खराब कर सकता है। लेकिन, उसके खर्राटे किसी गंभीर गड़बड़ी का संकेत देते हैं। जरूरी नहीं है कि खर्राटे लेने वाले हर व्यक्ति को स्वास्थ्य से संबंधित कोई समस्या हो। फिर भी, नींद के दौरान कुछ समय के लिए सांस लेने की प्रक्र
भोजन में अजवायन का काफी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सेहत के अनोखे गुण छिपे होते हैं। कई लोग तो इसका पाउडर भी बनाकर रखते हैं, जो ख
लोग कहते हैं कि मोटापा घटाना है तो सुबह सुबह नींबू पानी पियो। लेकिन सुबह सवेरे नींबू पानी सिर्फ मोटे ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति के लिए जरूरी है जो दिन की शुरूआत ताजगी से करना चाहता है।
चपन में लगभग सभी ने साइक्लिंग की होगी, अब माॅडर्न बिजी लाइफ में इसका वक्त नहीं मिल पाता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि साइक्लिंग कई समस्याओं का समाधान कर सकती है। जाने साइक्लिंग के फायदों के बारे में - चेहरे पर ना दिखे उम्र का असर:-स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के
अच्छा स्वास्थ्य अच्छे पाचनतंत्र की देन है। हम जो भी खाना खाते हैं, उसे सही रूप से शरीर में पहुंचाने का काम हमारा पाचन तंत्र ही करता है। पाचन तंत्र खाने को ऊर्जा के रूप में बदल कर शरीर को पोषण और शक्ति प्रदान करता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। पाचन तंत्र में गड़बड़ी होने से ह
आहार संबधी निर्देश 1. पोषण की दृष्टि से विभिन्नप्रकार के खाद्य - पदार्थो में से बुद्धिमता पूर्ण चयन करके पर्याप्त आहार खाना चाहिए। 2. गर्भवती तथा पयस्विनी माताओं का अतिरिक्त भोजन तथा विशेष देखभाल करने की आवश्यकता होती है।
सर्दी के कारण दुनिया भर में लोग परेशान रहते हैं। इस साधारण बीमारी का कोई कारगर इलाज अब तक नहीं खोजा जा सका है। दरअसल, वायरस की सैकड़ों नस्लों के कारण सर्दी फैलती है। ये वायरस रीनोवायरस परिवार के हैं। आमतौर पर फ्लू वायरस की केवल तीन या चार नस्ल सक्रिय रहती हैं लेकिन रीनोवायरस की
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में हर बीमारी का इलाज है। कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनका आयुर्वेद में स्थायी इलाज है। आयुर्वेद की सहायत से कई भयंकर बीमारी को स्थायी रूप से दूर किया जा सकता है। आयुर्वेद में खांसी का उपचार भी मौजूद है। आइए जानें आयुर्वेद में खांसी के उपचार के बारे में। तीन हफ्ते से ज्यादा खा