पिछले कुछ दशकों से दमा पीडि़त मरीजो की संख्या मे प्रदूषण के कारण तेजी से वृद्धि हो रही है। अनुमान है कि लगभग दस प्रतिशत व्यक्ति जीवन में कभी न कभी दमा ग्रसित अवश्य हो जाते है। दमा के मरीजों को बार-बार श्वांस फूलने के अटैक होते है साथ ही खांसी और बलगम आने की समस्या हो सकती है। लक्षण स्वतः या उपचार
दुबले होने से लिए कम कैलोरी वाला खाना खाओं, योगा या ऐरोबिक्स करोे। कुछ लोग दुबले होने के लिए आपकों वाॅक करने की भी सलाह दे सकते है। यदि आप अपने शरीर से अतिरिक्त वसा को कम कर फिट होना चाहते हैं तो ऐसी सलाह तो आपकों हर दूसरे व्यक्ति से मिल जाएंगी, लेकिन वजन कम करने के लिए इन सामान्य सलाह के अलावा इ
सर्दी के मौसम में त्वचा की खास देखभाल तो सभी को करनी पड़ती है, लेकिन बालों को भी रूसी से बचाने के लिए विशेष उपाय आवश्यक है। यदि कोई उपाय नहीं किए गए, तो बाल झड़ने के साथ ही सफेद होने लगते है। यहां कुछ उपाय बताए जा रहे है, जिसे अपनाकर बालों को रूसी से बचा सकते है। नारियल और जैतून
जिंदगी में तनाव बहुत सी बीमारियों को जन्म देता है। इससे लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते है। दिल कमजोर पड़ता है और स्ट्रोक का खतरा भी बना रहता है। इसके लिए आपकों अपनी दिनचर्या में कुछ बातों कों शामिल करना जरूरी है ताकि आप तनाव से बचें रहे।कसरत करेंः- जांगिंग और साइक्लिंग तना
मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देंलक्षण:- 1. बुखार 2. ठण्ड 3. सिरदर्द 4. बदन दर्द 5.उल्टियां आनायदि आप में उपयुक्त लक्षण है, तोतत्काल स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क करें अथवा निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जाएंआरडीटी अथवा माइक्रोस्क
अतिसार - अतिसार (डायरिया) किसी संक्रमण, मानसिक तनाव या ज्यादा भोजन करने से होता है जिसमें बारम्बार पानीदार मल की प्रवृति होती है। पानी के अत्यधिक नुकसान से शरीर में निर्जलीकरण (डिहाइडेªशन) की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। अतिसार का सामना इस प्रकार करें
काली मिर्च को पानी में घिसकर बाल तोड़ वाले स्थान पर लगाने से शीघ्र लाभ होता है। काली मिर्च को उबालकर उसके पानी से कुल्ला करने से मसूढ़ों का फूलना रूक जाता है। ऐसा करने में मसूढे़ स्वस्थ व मजबूत होते है। आधा चम्मच घी, आधा चम्मच पिसी हुई काली मिर्च, आधा चम्
जलते मौसम में दीजिए ठंडक आँखों को:-जब भी धूप से बाहर निकलें, आँखों पर आई प्रोटेक्टिव क्रीम का धूप का चश्मा लगाकर निकलें। गर्मियों में आंखों का हल्का मेकअप ही करें। धूप से आकर आँखों में गुलाब जल को रूई में भिगोकर 4-5 मिनट तक रखे
पेट में कीड़े होने पर नीम की नई और ताजा पत्तियों का उपयोग करना चाहिए। नीम का पेड़ अनेक रोगों में फायदेमंद माना गया है। रोजाना नीम की चार-पांच कोमल पत्तियां चबाकर खाने से खून साफ होता है और कई बीमारियों से बचाव होता है। 1. चेचक का इंफेक्शन होने पर नीम के पत्तों को पानी में उबालकर नहाने से ल
रक्त शुद्ध बर्हिश्र्वायु के पान के लिए सारे शरीर से सिमटकर हृदय में आता और वहां से फंफुसो में जाता हैं। शुद्ध होकर लौटता हुआ वह पुनः हृदय में आता है। हृदय इसे सर्वांग में पहुंचा देता है, वहां से पुनः हृदय में आता है। इस प्रकार के चक्र जीवन पर्यन्त निरन्तर हर पल चलते ही रहते है। रक्तानुध