09-May-2015
प्रेरक प्रसंग

परिवार और लक्ष्मी (प्रेरक प्रसंग)

एक रात स्वप्न में देवी लक्ष्मी ने एक सेठ को दर्शन दिए और कहा, ‘सेठ, तुम्हारा पुण्य शीघ्र समाप्त होने वाला है। उसके बाद मैं यहां से चली जाऊंगी। इसलिए यदि तुम्हें कुछ मांगना हो तो अभी मुझसे मांग लो।’ सेठ ने लक्ष्मी जी से हाथ जोड़कर कहा कि वह अपने परिवार के सदस्यों से सलाह करने के बाद जो


09-May-2015
प्रेरक प्रसंग

सबसे पहले स्वयं को बदलना होगा (प्रेरक प्रसंग)

गुरु नानकदेव सादा जीवन जीते और प्रभु को याद करने की प्रेरणा देते थे। एक बार की बात है उनके पास एक व्यक्ति आया और बोला, बाबा मैं चोरी और दूसरे अपराध करता हूं। मेरा जीवन सुधर जाए, ऐसा कोई उपाय बताइए। गुरुनानक देव जी ने कहा कि, तुम चोरी करना बंद कर दो। सत्य बोलने का व्रत लो। तुम्हारा कल्याण हो जाएगा


04-May-2015
प्रेरक प्रसंग

चिकित्सा विज्ञान के समान है चार आर्य सत्य (प्रेरक प्रसंग)

सभी बीमारियाँ पहले मस्तिष्क में जन्म लेती हैं। जब तक मानसिक पेटर्न उस अनुरूप न बन जाय, तब तक वह शरीर पर प्रकट नहीं होती है। असाध्य मानसिक या शारीरिक रोग की जड़ें सदा ही गहरे अवचेतन मन में होती है। छिपी हुई जडों को उखाडकर रोग को ठीक किया जा सकता है। मनुष्य की देह (सिक्रेशन) सबसे अधिक दवाएँ बनाने क


04-May-2015
प्रेरक प्रसंग

साहसी बालक (प्रेरक प्रसंग)

बाल गंगाधर तिलक अपने साथियों के साथ छात्रावास की छत पर बैठे गपशप कर रहे थे। तभी साथियों के सामने यह सवाल आया कि यदि अचानक किसी पर संकट आ जाए, तो उसकी रक्षा के लिए नीचे जल्दी से जल्दी जाने के लिए कौन,कैसे जाएगा ? पहला लड़का बोला, ’’मैं सीढि़यों से दौड़ता हुआ निकल जाऊँगा।’&


02-May-2015
प्रेरक प्रसंग

नीला घोड़ा रा असवार (प्रेरक प्रसंग)

मेवाड़ पर मुगलों के निरन्तर आक्रमणों से महाराणा प्रताप को जब अपने सामन्तों के साहस में कमी दिखाई दी तो उन्होंने सभी को एकत्रित कर उनके सामने रघुकुल की मर्यादा की रक्षा और मेवाड़ को पूर्ण स्वतंत्र करने का विश्वास दिलाया। उन्होंने प्रतिज्ञा की कि जब तक मेवाड़ को पूर्ण स्वतंत्र नहीं करा लूँगा तब तक


02-May-2015
प्रेरक प्रसंग

शिवपूजन सहाय (प्रेरक प्रसंग)

शिवपूजन सहाय का जन्म सन् 1893 ई. में गाँव उंनवास जिला भोजपुर (बिहार) में हुआ। उनके बचपन का नाम भोलानाथ था। दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने बनारस की अदालत में नकलनवीस की नौकरी की। बाद में वे हिन्दी के अध्यापक बन गए। असहयोग आंदोलन के प्रभार से उन्होंने सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। श


01-May-2015
प्रेरक प्रसंग

प्राण फूलों में नहीं, उनकी जड़ों में होते हैं (प्रेरक प्रसंग)

चीन के महान् नेता माओत्से तुंग ने अपनी जीवनी में लिखा कि मेरे घर में एक बगीचा था। वह इतना सुन्दर था कि लोग देखने आते थे। एक बार माँ बीमार पड़ गई। बीमारी मंे भी अपने से ज्यादा माँ को बगीचे की चिन्ता थी कि खिले फूल मुरझा न जायँ। माओत्से तुंग ने माँ से कहा- तूं चिन्ता मत कर, मैं बगीचे की देखभाल कर ल


30-Apr-2015
प्रेरक प्रसंग

परमहंस ने दी मुक्ति (प्रेरक प्रसंग)

रामकृष्ण परमहंस के पास एक उत्साही युवक आया और उनके चरणों में झुककर प्रणाम करने लगा, ‘‘महात्मन। मुझे अपना चेला बना लिजिए। मुझे गुरुमंत्र की दीक्षा दीजिए।’’ परमहंस मुस्कुरा उठे। उन्होंने पूछा, ‘‘नवयुवक तुम्हारे      परिवार में कौन-कौन


30-Apr-2015
प्रेरक प्रसंग

धन और भजन (प्रेरक प्रसंग)

एक मोची जूती बनाता जाता और भजन गाता। यही उसका काम था, प्रातः काल से। उसी मकान में एक धनी रहता था सद्भावी भक्त हृदय। एक दिन धनी बीमार हो गया। मोची के भजनों से उसे बड़ा सुख मिला। उसने मोची को बुलाया और अपनी खुशी से उसे पचास रुपये दिए। दूसरे दिन प्रातः भजन नहीं सुनाई पड़े। दोपहर को मोची धनी व्यक्ति


30-Apr-2015
प्रेरक प्रसंग

दोस्त (प्रेरक प्रसंग)

अमरीकी राष्ट्रपति लिंकन अपने विरोधियों के साथ भी बड़ा नरम रुख अपनाते थे। वे उनसे विनम्रता से पेश आते थे। एक दिन किसी नजदीकी मित्र ने उनसे शिकायत की-‘‘आप अपने दुश्मनों तक से दोस्तों की तरह पेश आते हैं, जबकि आपको उन्हें खत्म कर देना चाहिए।’’ लिंकन सहज एवं मधुरत