08-Jun-2016
अद्यात्म

आत्म - ज्ञान (अद्यात्म)

भक्त कबीर के पास जाकर एक व्यक्ति ने कहा मैं आत्म ज्ञान चाहता हूं। कबीर उसे लेकर गांव के पनघट पर गए, वहां पर कुएं से पानी लेकर कोई स्त्री अपने सिर पर दो तो कोई तीन घड़े लेकर जा रही थी। वे कभी रास्ते में रुक कर बातें करने लगती और कभी चलने लगती, कबीर ने उनसे पूछा-तुम बात करते हो, रुकती हो तुम्हारे घड़


06-Jun-2016
अद्यात्म

श्रद्धा बिना ज्ञान नहीं (अद्यात्म)

भक्ति भय से नहीं श्रद्धा और प्रेम से होती है। भय से की गई भक्ति में भाव तो कभी जन्म ले ही नहीं सकता और बिना भाव के भक्ति का पुष्प नहीं खिलता। श्रद्धा के बिना ज्ञान प्राप्त हो ही ना पायेगा। श्रद्धा ना हो तो व्यक्ति धर्मभीरु बन जाता है। उसे हर समय यही डर लगा रहता है कि फलां देवता नाराज हो गया तो कु


06-Jun-2016
अद्यात्म

आस्था का सही अर्थ (अद्यात्म)

गुरु जी प्रवचन कर रहे थे- ईश्वर में आस्था बनाये रखो। ईश्वर सबकी रक्षा करता है। चेला एकाग्रचित होकर एक-एक शब्द को हृदय में उतार रहा था। दूसरे दिन चेला जंगल से गुजर रहा था। सहसा एक आदमी सामने से दौड़ता हुआ आया। वह चिल्ला रहा था- बचो ! बचो! पगल हाथी इधर ही आ रहा है। चेले ने मन ही मन गुरु जी के शब्द द


05-Jun-2016
अद्यात्म

ध्यान के लिए आसन अनिवार्य (अद्यात्म)

भारत के ऋषियों ने जीवन के रहस्यों को जाना, उन्हें सुरक्षित रखा और आने वाली पीढ़ी को संप्रेषित किया। उनके द्वारा खोजी गई ये पद्धतियां धर्म, अध्यात्म और योग के नाम से आज भी प्रचलित है। प्रेक्षा-ध्यान उनमें से एक खोजी गई अभिनव पद्धति है, जिसमें अध्यात्म विज्ञान की विकसित शाखाओं का समुचित उपयोग किया ग


02-Jun-2016
अद्यात्म

प्रदोष व्रत से मिलने वाले फल (अद्यात्म)

अलग- अलग वारों के अनुसार प्रदोष व्रत के लाभ प्राप्त होते है। जैसे रविवार के दिन त्रयोदशी पडने पर किया जाने वाला व्रत आरोग्य प्रदान करता है। सोमवार के दिन जब त्रयोदशी आने पर जब प्रदोष व्रत किया जाने पर, उपवास से संबन्धित मनोकमाना की पूर्ति होती है। जिस मास में मंगलवार के दिन त्रयोदशी का प्रदोष व्र


31-May-2016
अद्यात्म

शुभता प्रदान करते हैं गणपति (अद्यात्म)

जब भी हम कोई शुभ कार्य आरंभ करते हैं, तो कहा जाता है कि कार्य का श्री गणेश हो गया। इसी से भगवान श्री गणेश की महत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। जीवन के हर क्षेत्र में गणपति विराजमान हैं। पूजा-पाठ, विधि-विधान, हर मांगलिक- वैदिक कार्यों को प्रारंभ     करते समय सर्वप्रथम गणपति का


15-Jan-2016
अद्यात्म

सुखमय जीवन के रहस्य (अद्यात्म)

जीवन काक स्वरूप इन्द्र-धनुष के समान है, और पूरे जीवन में विभिन्न रंगों की भांति विभिन्न स्थितियां आती हैं, जो कि सुख और दुःख स्वरूप हैं। इस जीवन को आप किस प्रकार से जीना चाहते हैं, यह आप पर निर्भर करता है। साधारण व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों के संबंध में चर्चा करते हैं, उनसे श्रेष्ठ व्यक्ति स्


15-Jan-2016
अद्यात्म

सूर्य पूजा-साधना के नियम (अद्यात्म)

साधक कोई भी साधना करे, उसे प्रातः उठ कर सर्वप्रथम सूर्य नमस्कार करना तो आवश्यक ही है।सूर्योदय होने से पूर्व ही साधक नित्य क्रिया से निवृत होकर, स्नान कर, शुद्ध वस्त्र अवश्य धारण कर ले।सूर्य की मूल पूजा उगते हुए सूर्य की पूजा ही है, और यही फलकारक है, अतः सूर्योदय के


23-Dec-2015
अद्यात्म

जप के 20 नियम (अद्यात्म)

1. जहाँ तक सम्भव हो वहाँ तक गुरू द्वारा प्राप्त मंत्र की अथवा किसी भी मंत्र की अथवा परमात्मा के किसी भी एक नाम की 1 से 200 माला जप करो। 2. रूद्राक्ष अथवा तुलसी की माला का उपयोग करो।  3. माला फिराने के लिए दाएँ हाथ के अँगूठे और बिचली (मध्यमा या अनामिका उँगली का ही उपयोग करो।&nbs


22-Dec-2015
अद्यात्म

सृष्टि की सर्वोपरि कलाकृति है मनुष्य (अद्यात्म)

मनुष्य उतना तुच्छ नहीं है जितना कि वह अपने को समझता है। वह सृष्टा की सर्वोपरि कलाकृति है। न केवल वह प्राणियों का मुकुटमणि है वरन् उसकी उपलब्धियाँ भी असाधारण हैं। प्रकृति की पदार्थ सम्पदा उसके चरणों पर लौटती है। प्राणी समुदाय उसका वशवर्ती और अनुचर है। उसकी न केवल संरचना अद्भुत है वरन् इन्द्रिय समु