तेमसुतुला इमसोंग जन्म: 23 फरवरी 1983 शिक्षा: शिलाॅन्ग से बीए परिवार: पिता चुंगपांगसुसंग इमसोंग, मां तेमजेनमोंगला, 5 बहनें, 2 भाई। दर्शिका शाह जन्म: 24 फरवरी 1993 शिक्षा: दिल्ली से बीकाॅम परिवार: पिता दीपक कुमार गुजराती, मां कामिनी गुजराती, छोटा
रामायण में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है- मोह सकल व्याधिन कर मूला। मन के रोगी की दशा तन के रोगी से अधिक कष्टपूर्ण होती है। ईष्र्या, द्वेष, शोक, भय, क्रोध तथा अहंकार आदि विकारों को मानस रोग कहा
घर-परिवार के लिए धन की जरूरत तो होती ही है और इसके लिए पुरुषार्थ भी करना पड़ता है। लेकिन धन के प्रति लालसा इस कदर भी न बढ़े कि व्यक्ति अपने जीवन का अर्थ ही भूल जाये। व्यक्ति यह जानते-बूझते भी कि दुनिया में सभी खाली हाथ जन्म लेते हैं और खाली हाथ ही उन्हें मृत्यु को वरण करना होता है। धन के मोहपाश म
खानपान हमारे जीवन का ऐसा हिस्सा है जो हमें एनर्जी देने के साथ-साथ रोगों से भी बचाता है। लेकिन ऐसा तभी संभव है जब हमें यह पता हो कि किस बीमारी में कौन से फल या सब्जियां ज्यादा फायदेमंद हो सकती हैं। जानते हैं उनके बारे में। खानपान के साथ दंे रोगों को मात हृदय व बीपी के मरीज क्य
अमरीकी राष्ट्रपति लिंकन अपने विरोधियों के साथ भी बड़ा नरम रुख अपनाते थे। वे उनसे विनम्रता से पेश आते थे। एक दिन किसी नजदीकी मित्र ने उनसे शिकायत की-‘‘आप अपने दुश्मनों तक से दोस्तों की तरह पेश आते हैं, जबकि आपको उन्हें खत्म कर देना चाहिए।’’ लिंकन सहज एवं मधुरत
कार्बोनेटेड ड्रिंक और वाइन न पीएँ, क्योंकि यह कार्बन डाईआॅक्साइड रिलीज करते हैं।पाइप के द्वारा कोई चीज न पिएँ, बल्कि सीधे गिलास से पिएँ।अधिक तला-भुना और मसालेदार भोजन न करें।तनाव भी गैस बनने का एक प्रमुख कारण है, इसलिए तनाव से दूर रहने की हर संभव कोशिश
हरिदास तानसेन के गुरु थे।सिकंदर के गुरु अरस्तु थे।रविवार की छुट्टी सन् 1843 से प्रारम्भ हुई।समाचार-पत्र को “फोर्थ स्टेट” भी कहा जाता है। प्रसिद्ध चिकित्सा पद्धति ‘होम्योपैथी’ के जन्मदाता हैनीमैन थे।दश
आज फूलों का प्रयोग हम केवल माला बनाने पहनने व पहनाने के लिए केवल औपचारिकता समझ कर काम में लेते हैं लेकिन इन फूलों में अनेक गुण होते हैं और इनमें कई बीमारियों को दूर करने की क्षमता होती है आइए इनके गुणों को जानें। गुलाब के फूल - फूलों को सूंघने से प्रेम में बढ़ोतरी होती है प्रेम बढ़ता है।
वैशाख मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। ऐसा विश्वास किया जाता है कि यह तिथी सब पापों को हरनेवाली और उत्तम है। इस दिन जो व्रत रहता है उसके व्रत के प्रभाव से मनुष्य मोहजाल तथा पातक समूह से छुटकारा पा जाते हैं। इस तिथि और व्रत के विषय में एक कथा कही जाती है। सरस्वती नदी के रमणीय
हमारे दाँतों की रचना - नीचे और ऊपर के जबड़ों में जो अस्थि जैसी संरचनायें पंक्तियों में हैं ये ही दाँत हैं। वयस्क व्यक्ति में 32 दाँत होते हैं। प्रत्येक जबड़े में 16-16 दाँतों में से कुछ दाँत दो बार निकलते हैं। यह दाँत देखने में सब एक जैसे लगते हैं, जबकि ऐसी बात नहीं है। रचनात्मक दृष्टि से इनमें थ