महान सम्राट् नेपोलियन एक महिला मित्र के साथ घूमते हुए एक संकरे रास्ते से जा रहे थे। महिला उनसे कुछ कदम आगे चल रही थी। सामने से एक मजदूर भारी भार लादे आ रहा था। महिला को अपने कुल, धन व पद का गर्व था और उस वक्त तो सम्राट के साथ होने के कारण वह और गर्वीली हो रही थी। एक मजदूर को जरा हट कर वह रास्ता क
ंआवाज धीमी हो और अंदाज शालीन आॅफिस में ऊंची आवाज में बात न करें। किसी को अभिवादन करना है तो भी आवाज बहुत तेज न रखें, क्योंकि इससे आपके आसपास बैठे सहकर्मी डिस्टर्ब हो जाते हैं। यदि आॅफिस में आपका लिखने-पढ़ने से संबंधित काम है तो यह नियम और भी जरूरी हो जाता है। शालीन अंदाज और धीमी आवाज में क
काशी में गंगा तट पर बनी झोंपड़ी में रैदास अपनी पत्नी के साथ रहते और झोंपड़ी के बाहर बैठकर जीविकापार्जन हेतु जूते गाँठते थे। जो-कुछ मिल जाता, उसी से गुजर-बसर करने में उन्हें सन्तोष था। एक दिन एक साधु घूमते हुए रैदास के पास आया। उसने उनकी गरीबी देखकर झोली में से एक पत्थर निकाला और कहा-‘यह पार
ठाकुर एक सम्मान सूचक शब्द है, जो परंपरा में नाम के आगे और पीछे दोनों ही रूपों में उपयोग किया जाता है। शब्दकोश में इसे ठाकुर लिखा गया है, जो देवता का पर्याय है। ब्राह्मणों के लिए भी इसका उपयोग किया गया है। अनंत संहिता में श्री दामनामा गोपालः श्रीमान सुंदर ठाकुरः का उपयोग भी किया गया है, जो भगवान क
नीचे दी गयी बातों पर ध्यान देकर अपनी शारीरिक व मानसिक सुरक्षा मजबूत करें। 1. अगर आप व्यायाम पसंद करती हैं तो किसी बड़े बगीचे में दौड़ने या टहलने जायें। घर के किसी सदस्य या अपनी पड़ोसन को अपने साथ जरूर लें। अगर कोई साथ में न आ सकता हो तो अपने साथ पालतू कुत्ते को भी लेकर जा
वल्लभाचार्य ने शुद्धाद्वैत दर्शन के आधार पर पुष्टिमार्ग की आधारशिला रखी थी, जिसमें प्रेम प्रमुख भाव है। वल्लभाचार्य ने पुष्टिमार्ग का प्रतिपादन किया था। उन्होंने ही इस मार्ग पर चलने वालों के लिए वल्लभ संप्रदाय की आधारशिला रखी। पुष्टिमार्ग शुद्धाद्वैत दर्शन पर आधारित है। पुष्टि
एक मित्र आए और कहा - ’एक बहुत बड़े महात्मा आये हुए हैं, आप दर्शनार्थ चलेंगे ?’ मैंने कहा - ’वे बड़े महात्मा है, यह तुम्हें कैसे पता चला ?’ मित्र ने कहा- ’खुद जयपुर-महाराज उनके पैर छूते हैं।’ तो मैंने कहा-’इससे तो जयपुर-महाराज बड़े होते हैं, महात्मा तो बड़
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हर एक को अपनी बीमारी बताते हैं, ’मुझे ऐसा दर्द होता है.......... ऐसी पीठ दुखती है............... ऐसा सिर दर्द होता है....... वैसा कमर का दर्द रहता है........।’ आज तक जितने भी लोग उन्हें मिले हैं, सबको उन्होंने अपनी दुःखों की कहानी बतायी और एक बार नहीं बतायी
एंटीबायोटिक दवाओं के बेअसर होने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जाहिर की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दुनिया के तीन-चैथाई देशों के पास सूक्ष्मजीवीरोधी यानी एंटीबायोटिक दवाओं को संरक्षित रखने की कोई योजना नहीं है। संगठन ने चिंता जाहिर की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दु
जिसे आत्मसुझाव द्वारा विकसित किया जा सकता है युगों-युगों से धर्मावलंबी संघर्षरत मानवता को यह संदेश देते रहे हैं कि उन्हें इस या उस धार्मिक सिद्धांत में “आस्था रखनी” चाहिए, परंतु वे लोगों को यह बताने में असफल रहे हैं कि आस्था को किस तरह से पैदा किया जाए। उन्होंने यह नहीं बताया क