21-May-2015
विचार

अजन्मी बेटी का अपनी माँ के नाम पत्र (विचार )

मेरी प्यारी माँ, मैं खुश हूँ और भगवान् से प्रार्थना करती हूं कि आप भी सुखी रहें। यह पत्र मैं इसलिये लिख रही हूं क्योंकि मैंने एक सनसनीखेज खबर सुनी है, जिसे सुनकर मैं सिर से पांव तक कांप उठी।     स्नेहदात्री माँ! आपको मेरे कन्या होने का पता चल गया है और मुझ मासूम को जन्म लेने


21-May-2015
प्रेरक प्रसंग

तेज रफ्तार में छूट न जाएं खूबसूरत पल (प्रेरक प्रसंग)

जनवरी की एक सर्द सुबह। अमेरिका के वाॅशिंगटन डीसी का मैट्रो स्टेशन। एक आदमी वहां करीब घंटा भर तक वायलिन बजाता रहा। इस दौरान लगभग 2000 लोग वहां से गुजरे, अधिकतर लोग अपने काम से जा रहे थे। उस व्यक्ति ने वायलिन बजाना शुरू किया। उसके तीन मिनट बाद एक अधेड आदमी का ध्यान उसकी तरफ गया। उसकी चाल धीमी हुई औ


21-May-2015
कविता

मानव का जीवन वृत (कविता)

मानव ने हर मानव के हित, अपने मन अपनत्व जगाया। नहीं पराया कोई जग में, और अपना विश्वास जगाया।। श्री गणेश सेवा का करने, बड़े चिकित्सालय नित जाना। घर से बना रोटियाँ, सब्जी, बडे प्यार से उन्हें खिलाना।। कभी आम, नारंगी देना, कदली फल का भाग लगाना। नर रूपी रोगी नारायण,


21-May-2015
प्रेरक प्रसंग

महर्शि भृगु (प्रेरक प्रसंग)

चाक्षुष मन्वंतर में इनकी सप्तर्षियों में गणना होती है। इन्हें भी ब्रह्माजी के मानस पुत्र तथा प्रजापति का स्थान प्राप्त है। पत्नी का नाम ‘ख्याति’ जो दक्ष पुत्री हैं। इस दंपत्ति से तीन संतानें हुई। पुत्र थे ‘धाता’ और ‘विधाता’ और पुत्री थी ‘श्री’। भगवा


20-May-2015
सौंदर्य

बिना क्रीम के चमकाएँ त्वचा को (सौंदर्य )

त्वचा का रंग व वर्ण:- त्वचा शरीर की सबसे बड़ी व विशाल ग्रंथि होती है। हमारे पूरे शरीर में 70 लाख छिद्र होते हैं। इन छिद्रों से ताजी हवा छनकर अंदर जाती है तथा इन छिद्रों से हम श्वसन क्रिया करते हैं। पसीने के साथ यूरिक एसिड, यूरिया आदि अवशिष्ट पदार्थ या जहरीले पदार्थ बाहर निकलते हैं। प्रत्ये


20-May-2015
सामान्य ज्ञान

बृहस्पति के चंद्रमा पर लावा की झील (सामान्य ज्ञान)

वाशिंगटन। अमेरिका में एक अत्यधिक शक्तिशाली दूरबीन ने बृहस्पति ग्रह के चंद्रमा ’लो’ पर अवस्थित लावा की एक विशाल झील ढंूढ़ निकाली है। इस चंद्रमा का पता इटली के विख्यात वैज्ञानिक गैलीलियो ने सन् 1610 में लगाया था। सर्वाधिक सक्रिय पिंड वैज्ञानिकों का कहना है कि ’लो&rsq


20-May-2015
सम्पादकीय

सम्पादकीय 20 मई (सम्पादकीय )

एक नगर था। नगर में एक व्यक्ति फेरी लगाकर सामान बेचा करता और अपने बच्चों का पेट भरता। उसका नाम ‘सुजान’ था। सुजान हमेशा कहता था कि वह अपनी मेहनत, बुद्धि और भाग्य की खाता है, किसी की कृपा की नहीं। बात राजा तक पहुँची। राजा ने उसकी परीक्षा लेने की ठानी। राजा ने सुजान को द्वारपाल बना दिया।


20-May-2015
विचार

अपनों से अपनी बात (विचार )

चारों तरफ चहल-पहल, कोई इधर दौड़ रहा है-कोई उधर। हर्षोल्लास के वातारवण में दुल्हे राजा अपने इष्ट मित्रों के साथ पाणिग्रहण संस्कार के बने हए मण्डप की तरफ आये। पण्डित जी ने पाणिग्रहण संस्कार कराने प्रारंभ किये। इन सारे विधि विधान के बीच पंडित जी ने दुल्हे को दादा जी व पड़दादा जी का नाम पूछा? दादा जी


20-May-2015
समाचार

सेना को मिली ‘आकाश’ की ताकत (समाचार)

अभारतीय सेना को लंबे इंतजार के बाद हवाई हमलों के खिलाफ बड़ा हथियार आकाश मिसाइल प्रणाली मिल गई जिससे वह दुश्मन के लड़ाकू विमानों और हेलीकाॅप्टरों के साथ-साथ ड्रोन विमानांे को भी पलक झपकते ही ध्वस्त कर सकती है। आकाश मिसाइल प्रणाली अत्याधुनिक श्रेणी के राडार से लैस है। ऐसी है आकाश यह अ


20-May-2015
विचार

हम स्वावलंबी बन जाएँ (विचार )

जो तैरना जानता है, वही दूसरों को डूबने से बचा सकता है। जिसकी खुद की आँखों पर गलत धारणाओं की पट्टी बँधी हो, वह किसी दूसरे की पट्टी कैसे देख सकता है या खोल सकता है ? एक उदाहरण से हम इस बात को ज्यादा अच्छी तरह से समझ सकते हैं। एक लकड़हारा आँखों पर पट्टी बाँधकर बड़ी मेहनत और लगन से दिन भर लकडि