अलवर। कद-काठी हो या रॉयल लाइफ स्टाइल। जितनी खूबसूरती, उतने माहिर धावक। ऐश आराम ऐसा कि शानदार अस्तबल में जरा सी गंदगी हो जाए तो चार से पांच सेवक तुरंत सफाई के लिए दौड़ पड़ते हैं। सबके अलग कमरे, कमरों में चलते कूलर-पंखे। जी हां, ये शाही अंदाज है राजस्थान के अलवर में एक संत के आश्रम में पलते करोड़ों
भारतीय मूल के डेनियल मुखी आस्ट्रेलिया में ऐसे पहले नेता बन गए हैं, जिन्होंने न्यू साउथ वेल्स की संसद में गीता पर हाथ रखकर शपथ ग्रहण की। की संसद में गीता पर हाथ रखकर शपथ ग्रहण की। मुखी (32) को लेबर पार्टी ने न्यू साउथ वेल्स के उपरी सदन में स्टीव व्हान के स्थान पर चुना गया है. मुखी प्रांत मे
यह एक मात्र सन्देश है, जो महावीर ने बारह वर्ष की दीर्घकालीन तपस्या से पाया। चाहे पशु हो, पक्षी हो, कीड़ा-मकोड़ा हो, अपना हो, पराया हो, इस देश का हो या किसी अन्य देश का हो, जीव मात्र, प्राणी मात्र के प्रति भगवान् महावीर की करूणा थी, उनके लिए बस एक ही भावना थी- ‘तुम जिओ और सभी को जीने दो&lsqu
धर्मशास्त्रों में पीपल के वृक्ष को भगवान विष्णु का निवास माना गया है। स्कंद पुराण के अनुसार पीपल की जड़ में श्री विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पतों मे भगवान हरि और फल में सब देवताओं से युक्त भगवान का अच्युत निवास हैै। इसीलिए पीपल के वृक्ष का पूजन किया जाता है। ‘‘संसा
हृदय एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग हैं। इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते। परन्तु जब आप इसके विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं तो पाते हैं कि यह एक पम्प मात्र हैं। एक जटिल और महत्वपूर्ण पम्प जो अन्य पम्पों की ही भाँति बंद भी होता है और जिसमें टूट-फूट भी होती है। अतः यह जानना बहुत जरूर
परिवार को सुसंस्कृत तथा उन्नतिशील बनाने में वृद्धजनों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। उनके संचित अनुभवों से बहुत लाभ उठाया जा सकता है। प्राचीनकाल में गुरूजनों का बहुत आदर-सम्मान किया जाता था। भारतीय समाज में बड़ों के प्रति सम्मान तथा प्रणाम करने की प्रथा रही है। प्रातःकाल उठि
एक ताजा अध्ययन रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दुनियाभर में एक अरब वयस्क लोग धूम्रपान करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 24 करोड़ वयस्क अल्कोहल सेवन से होने वाली बीमारियों से ग्रस्त हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व की कुल वयस्क आबादी में 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग धूम्रपान करते हैं जबकि अल्कोहल सेव
एक धागे का साथ देने, मोम का रोम-रोम जलता है इंसान वही जो दूसरे इंसान के काम आए। यूं कहने को तो पूरी दुनियाँ इंसानों से भरी पड़ी है, मगर यदि हममंे मानवीय संवेदनाएँ नहीं, तो फिर हम मानव कहलाने के अधिकारी कैसे ? हमारे घर में मोमबत्ती अवश्य पड़ी रहती है, जिसे हम बिजली गुल हो जाने पर अक्सर ज
क्षमा कर देना केवल बड़प्पन का ही काम नहीं, इससे हमारे मन को भी सुकून मिलता है। एक तरह से यह बिल्कुल किसी चिकित्सकीय थैरेपी की भांति प्रक्रिया होती है। तो बस एक बार अपनायें, फाॅरगिवनेस थैरेपी और महसूस कीजिए इसका कमाल। कई बार मनुष्य के जीवन में कुछ ऐसे वाकये होते हैं, जो दिमाग में गहरे बैठ ज
देवता शिष्ट-मनुष्य गुरु और ज्ञानी जनों का सम्मान, पवित्रता, सरलता, ब्रह्मचर्य और अहिंसा-इसको शरीर का तप कहते है। दूसरों केा उद्विग्न न करने वाले सत्य प्रिय, हित वाक्य को कहना, आत्मा को ऊंचा उठाने वाले ग्रंथो का स्वाध्याय करना-इसको वाणी का तप कहते है। मन को प्रसन्न रखना, शांतभाव, कम