गर्मी की धूप महिलाओं की त्वचा के लिए ही नुकसानदेह नहीं होती, यह आपकी त्वचा को भी झुलसा सकती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप अपनी त्वचा की खूबसूरती बरकरार रख सकते हैं। गर्म मौसम की बुरी नजर से बचे रहने और त्वचा की चमक को बनाए रखने के लिए इन उपायों को जरूर आजमाएं -
इस दुनिया में दोनों ही तरह के लोग हैं - सफल और असफल लोग तथा विजयी और पराजित लोग। यह तो बताने की जरूरत नहीं है कि पराजित कोई नहीं होना चाहता, न ही कोई असफल होना चाहता है। इसके बावजूद कुछ लोग तो पराजित होते ही हैं, असफल होते ही हैं। क्या आपने इस बात पर कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता हैं। चलिए,
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् । लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्, वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ।।
सत्यवती ने यमुना में विकसित हुए एक छोटे- से- द्वीप पर वेद व्यास को जन्म दिया। श्याम वर्ण होने के कारण उनका नाम कृष्ण रखा गया तथा द्वीप पर जन्म लेने के कारण उन्हें कृष्ण द्वैपायन कहा जाने लगा। जन्म लेते ही व्यासजी बड़े हो गए और सत्यवती से बोले - ”माता! मैं अपने जन्म के उद्देश्य को सार्थक करन
दही स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ पाए जाते हैं जो दूध की अपेक्षा दही में अधिक पाए जाते हैं। प्रोटीन, लैंक्टोज, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस आदि कई विटामिन्स होते हैं इसलिए दही को अधिक पोषक माना जाता है। जिन लोगों को दूध न भाता हो उनके लिए दही एक बेहतर विकल्प है। इससे
फल-सब्जियों का सेवन व्यक्ति की सीखने की क्षमता में वृद्धि करता है, और उसकी स्मरण शक्ति को मजबूती प्रदान करता है। इस अनुसंधान में पाया गया कि फल-सब्जियों में मौजूद एंटीआक्सीडेंट सीखने की क्षमता और मैमोरी बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। यही नहीं, ये बुढ़ापे के कारण मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव क
लोक-कल्याण की भावना, हमारे जीवन का लक्ष्य है, पीडि़तों, असहायों, निर्धनांे, विकलांगों की सेवा, यही है, लोक कल्याण, आज के भौतिकतावादी और अर्थवादी युग में, अर्थ के बिना, लोक-कल्याण के कार्यों में, रूकावटें आती हंै इन रूकावटों को समर्थ और सम्पन्न, महानुभावों द्वारा, उदार दान- सहयोग से दूर किया जा सक
इस संसार में जिस किसी ने जो कुछ प्राप्त किया, वह प्रबल इच्छाशक्ति के आधार पर प्राप्त किया है । मनुष्य जिस प्रकार की इच्छा करता है, वैसी ही परिस्थितियाँ उसके निकट एकत्रित होने लगती हैं । इच्छा एक प्रकार की चुंबकीय शक्ति है, जिसके आकषर्ण से अनुकूल परिस्थितियाँ खिंची चली आती है । जहाँ इच्छा नहीं, वह
स्वामी रामतीर्थ के जीवन की एक घटना है। भ्रमण एवं भाषणों से परिश्रांत स्वामी जी अपने निवास पर लौटकर- थोड़ा सा ही आटा था उसकी रोटियाँ बना रहे थे, चूंकि वे अपना भोजन स्वयं बनाते थे। जब वेे थाली लगाकर भोजन करने के लिए बैठने लगे तभी कुछ भूखें बच्चें आकर खड़े हो गये। स्वामी जी ने अपनी सारी रोटियाँ एक-ए
नीम में छुपे गुणों का लाभ उठाने के लिए इसके बारे में जानना जरूरी है। यह जहां होता है, अपने आसपास के माहौल को शुद्ध और हमारी सेहत के अनुकूल बनाए रखता है। इसकी पत्तियां, टहनियां हमारी अनेक बीमारियों को दूर करने में दवा का काम करती हैं। निबोली का चूर्ण सुबह के समय पानी के स