भक्त रैदास फटे जूते की सिलाई में ऐसे तल्लीन थे कि सामने कौन खड़ा है, इसका उन्हें भान भी न हुआ। आगंतुक भी कब तक प्रतीक्षा करता, उसने खाँस कर रैदास का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। रैदास ने दृष्टि ऊपर उठाई। सामने एक सज्जन थे। उन्हें देख वे हड़बड़ा कर खड़े हो गए और विनम्रतापूर्वक बोले, क्षमा करें, मेर
अल्जाइमर के मरीजों को दर्द ज्यादा महसूस होता है। इस अध्ययन के मुताबिक, अल्जाइमर और याद्दाश्त संबंधी अन्य बीमारियों के मरीजों को दर्द का अहसास आमतौर पर ज्यादा होता है। इजरायल की तेल अवीव युनिवर्सिटी के शोधकर्ता रुथ डेफरिन ने बताया कि अध्ययन में कमजोर याद्दाश्त और तंत्रिका
नवयुवक सेठ की किराणें की दुकान, सामान से ठसा-ठस भरी पड़ी थी। एक बैल आया और गेहूँ की बोरी में मुंह मारा। हट्टे-कट्टे सेठ ने तत्काल लकड़ी उठाई और खदेड़ दिया उसे जोरों से। मार कुछ ज्यादा ही लगी उस पशु को। दूर से नजारा देख कर सन्त ठठा कर हँस दिये। आश्चर्य चकित व जिज्ञासु शिष्य की शंका समाधान क
भोजन को कैलोरी के तराजू पर तौल कर खाने की आदत में अक्सर हम पोषण से समझौता करने लगते हैं। नियमित खाए जाने वाले आलू व शकरकंद के उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। दोनों में सम्मान कैलोरी होती है, पर सच यह भी है कि शकरकंद में विटामिन व पोषक तत्व अधिक होते हैं और विटामिन बी व एंटीआॅक्सीडेंट्स की प्रचूरता
पपीते व तरबूज के छिलके गूदे की तरफ सेे हाथ-पैरों पर मलें और आधा घंटा सुखा कर पानी से धो लें। त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ेगी और त्वचा का रंग साफ रहेगा। आलू के छिलकों और लौकी के ताजे छिलकों को चेहरे पर मलें। एक सप्ताह में ही चेहरा दमदमाने लगेगा। &
भोजन में संतुलन - प्रतिदिन के हिसाब से सुबह शाम का भोजन चार्ट बनाएँ तथा एक समय में एक तरह की सब्जी व एक तरह के अनाज की रोटी का प्रयोग करें। इसके अलावा कुछ भी नहीं लेवें।बार-बार भोजन नहीं करें - एक बार भोजन करने के बाद कम-से-कम 4 घंटे का अंतराल होना चाहिए।
कान में दर्द होने का मतलब है रात की नींद व मन का चैन चकनाचूर हो जाना। इस छोटे अंग का दर्द अंदर से क्या है, क्यांे हो रहा है, पहचानने में भी नहीं आता। कान दर्द के कारण:- कान में पानी चले जाना। कान में फंुसी होना। कान में कीड़े-मकोड़े का चले जाना। तेज ध्वनि में रह
इंसान का बाहरी शरीर तो सभी को दिखाई देता है लेकिन उसकी नींव यानी उसका चरित्र कैसा है, यह बाहर से पता नहीं चलता। जैसे पुस्तक का सिर्फ कवर देखकर उसका महत्व नहीं बताया जाएगा बल्कि उसके अंदर जो लिखा हुआ, जो छपा हुआ और जो छिपा है, वही ज्यादा काम में आता है। अर्थात बाह्म स्वरूप देखकर कोई जान नहीं सकता
मेडिटेशन के बारे में दुनिया में अब तक जो भी वैज्ञानिक शोध-अध्ययन हुए हैं, उनका निष्कर्ष यही है कि तन-मन को तनावमुक्त करने में ध्यान का कोई विकल्प नहीं है। मेडिटेशन के दौरान कुछ खास बातों का ख्याल अवश्य रखें..-जहां मेडिटेशन करना है, वहां का वातावरण सुगंधित हो तो और भी अच्छा रहेगा। -म
तनाव हमारी सेहत का सबसे बड़ा शत्रु है आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव से बचा भी नहीं जा सकता फिर भी कुछ बातों पर अमल करके आप तनाव को काबू में कर सकते हैं -प्रतिदिन थोड़ी देर व्यायाम अवश्य करें। कई शोध-अध्ययन से यह बात सच साबित हुई है कि व्यायाम तनाव दूर करने में काफी सहायक होता है। तथा इ