कई लोगों से बढि़या स्वास्थ्य के बारे में जानना चाहा। तो ज्यादा ने कहा‘‘ सवेरे का टहलना ही मेरी सेहत का राज है। एक आदमी ने बड़े ही पते की बात बताई, जिसमें आम के आम और गुठलियों के दाम वाली बात सिद्ध हो गई। उन्होंने कहा, टहलना जरूरी है सेहत के वास्ते, दो मील निकल जाइए जंगल के रास्
वेश की पूजा: विश्वास की रक्षा एक डाकू साधु के वेश में रहता था। उसके हाथ में हमेशा एक माला होती थी, जिसे वह फेरता रहता था। डकैती में मिला अधिकांश धन वह गरीबों में बांट देता था। एक दिन व्यापारियों का एक समूह डाकुओं के ठिकाने के
घर बनवाते समय कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। उनमें से एक है वास्तु, अगर घर वास्तु अनुरूप बनवाया जाए तो घर में रहने वाले लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। किसी भी भवन में कमरों की दिशाओं को इस तरह बनवाएं। पूजा कक्ष - ईशान कोण, स्नान घर-पूर्व रसोई घ
छींक का आना अमूमन अशुभ माना जाता है। यदि कोई शुभ कार्य में जाते समय छींक दे तो अपशकुन होता है। ऐसा कई लोगों का मानना है। यदि एक से अधिक छींक आती है तो इसे अपशकुन से नहीं जोड़ा जाता है। रोगी मनुष्य यदि बार-बार छींकता है तो इसे भी अपशकुन नहीं माना जाता है।शुभ कार्य के ल
जीवन में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं। जरूरत है तो बस खुद को बैलेंस्ड रखने की। कई बार आस-पास के शोर के कारण परेशानी होती है तो कई बार दिमाग में चल रही हलचल में खुद को बैलेंस्ड रखना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में दिमाग को शांत रखने के लिए कुछ बातें फायदेमंद रहेंगी। जानिए इनके बारे में ..............
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की नई सोच से दिल्ली के स्मारकों पर अक्षम लोगों को अब आसानी से व्हीलचेयर की सुविधा मिल सकेगी। दरअसल, उत्तर दिल्ली स्थित रोशन आरा स्मारक के निकट बिना इजाजत इमारत के निर्माण पर लगाए गए एक लाख रुपये के जुर्माने की जगह एएसआई ने इतनी की कीमत की 30 व्हीलचेयर ले लीं। इन्
अक्सर हम यह देखते हैं कि
लीची का नाम आते ही मुंह में एक अलग-सा रसभरा स्वाद घुल जाता है और मन से निकलता है-वाह! आखिर ऐसा क्यों न हो, जब फलों की रानी लीची की मिठास ही खास है। आइए जानें लीची के फायदे। फलों की रानी लीची गर्मियों की जान है। लीची का नाम आते ही मुंह में मिठास और रस-सा घुल जाता है। यह देखने में जितनी सुंद
थैलेसीमिया एक ऐसा आनुवंशिक रक्त विकार रोग है जिसमें रोगी के शरीर में लाल रक्त कण तथा हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य अवस्था से भी कम हो जाती है। वस्तुतः मानव शरीर में आक्सीजन का परिवहन तथा संचरण करने के लिए हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन की आवश्यकता पड़ती है और यदि यह न बने या सामान्य आवश्यकता से भी कम ब
चाहे व्यक्ति हो या विश्व, कोई ऐसा नहीं है, जो शांति नहीं चाहता, लेकिन मुझे लगता है कि कोई ऐसा नहीं है, जो सचमुच में शांति चाहता है। शांति की इच्छा तो हर कोई रखता है, लेकिन इसे चाहता कोई नहीं है। हर कोई इससे बुरी तरह से घबराता है। इसे ग्रहण करके इसके साथ रहने का साहस किसी में नहीं है। इसके बावजूद