योग निद्रा का अर्थ है जागते हुए सोना। इसमें व्यक्ति जागृत रहते हुए सोता है। पूर्ण शिथिलन की अवस्था में ही योग निद्रा संभव है।हमने शरीर में, मन में इतनी उत्तेजना, इतना तनाव, इतनी फलाकांक्षा, इतनी आसक्ति इतनी व्यग्रता भर ली है कि हम अपने अस्तित्व की सहज अनुभूति खो बैठे है, योग निद्रा उस सहज अनुभूति
चक्रवर्ती सम्राट को पुण्योपार्जन का शौक कुछ ऐसा लगा कि प्रजा से पुण्य खरीदने लगे! ऐसी तराजू बनाई गई जिसमें किसी के पुण्यों के लेखों का कागज एक पलडे़ में रखते ही दूसरे पलडे़ में उसके बराबर स्वर्ण मुद्राएं तुल जाती! विधि ने अपना काम किया, पड़ौस के राजा ने आक्रमण किया, परिणाम में हार मिल
नव ग्रहो में शनि एक रहस्यमयी ग्रह देवता हैं ,जो सूर्य के पुत्र है। शनि ग्रह को शनि देवता का प्रतीक रूप माना जाता है। इसलिए शनि की उपासना के लिए शनि ग्रह के पूजन का विधान है। आधुनिक विज्ञान के ज्ञान से लोग प्रश्न किया करते हैं कि शनि ग्रह के पूजन से शनिदेव किस प्रकार प्रसन्न हो सकते ह
भूदान आन्दोलन के प्रणेता विनोबा भावे के पास एक शराब की लत वाला युवक आया। उसने प्रार्थना की कि मैं बेहद परेशान हूँ, मदिरा मेरा पीछा नहीं छोड़ती। विनोबा जी ने सुना और अगले कल आने का कहा। अगले दिन युवक आया और विनोबा जी को आवाज़ देने लगा युवक की आवाज़ सुन कर विनाबा जी ने कहा कि मैं बाहर नहीं आ
आचार्य रामानुजाचार्य एक महान संत थे। दूर दूर से लोग उनके दर्शन एवं मार्गदर्शन के लिए आते थे। सहज तथा सरल रीति से वे उपदेश देते थे। एक दिन एक युवक उनके पास आया और पैर में वंदना करके बोला: ”मुझे आपका शिष्य होना है। आप मुझे अपना शिष्य बना लीजिए।“ रामानुजाचार्य ने कहा
हम अपनी हड्डियों की परवाह तब तक नहीं करते जब तक कि कोई हड्डी टूट न जाए या बुढ़ापे में कोई बीमारी न हो जाए। हमारी हड्डियों को जीवनभर देखभाल और पोषण की आवश्यकता होती है। कंकाल तंत्र में हड्डियां, नस, अस्थि, अपास्थि आदि शामिल हैं। यह कई महत्वपूर्ण कार्य करता है जैसे कि रक्त की संरचना को बनाए रखना, श
वृद्धावस्था में मानव-जीवन को अभिशाप न बनने देने एवं पारिवारिक सामंजस्य बनाये रखने हेतु कतिपय मननीय एवं करणीय बिन्दु - 1. पारिवार के सभी सदस्य प्रतिदिन प्रातःकाल उठने के साथ ही अथवा स्नानोपरान्त वृद्ध माता-पिता, दादा-दादी तथा अपने से बड़ों के चरण-स्पर्श करते हुए उन्होंने&n
क्योंकि शरीर का आंतरिक तापमान अधिक होता है, अगर हम अत्यधिक ठंडा पानी पीते है तो वह आंतरिक अंगों की कार्यक्षमता को शिथिल कर देता है। सवेरे सोकर उठते ही 2-3 गिलास पानी लें| सुबह खाली पेट पानी का सेवन शरीर के लिए बहुत लाभप्रद है, कारण यह है कि सुबह खाली पेट होने से शरीर को आसानी से ग्रहण
मट्ठा (छाछ) धरती का अमृत है। यह शरीर की बीमारियों को दूर भगाता है। बाजार में बिकने वाले महँगे शीतल पेयों से छाछ लाख गुना अच्छी है। इसके कई फायदे हैं। मट्ठे का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है- हिचकी चलने पर मट्ठे में एक चम्मच सौंठ डालकर सेवन करें। उल्
एक बार देवताओं ने विष्णु भगवान से कहा ‘‘हमें स्वर्ग से भी किसी अच्छे लोक में भेज दीजिये... विष्णु ने उन्हें मनुष्य लोक भेज दिया और कहा कि वहांँ ’’सुख और सौंदर्य तभी दृष्टिगोचर होगा, जब तुम लोग करूणा जीवित रखोगे और सेवाधर्म का रसास्वादन करोगे।’