श्रीकृ्ष्ण की उपासना अन्य देवों की तुलना में सबसे अधिक की जाती है। श्रीकृष्ण के विषय में यह मान्यता है, कि ईश्वर के सभी तत्व एक ही अवतार अर्थात भगवान श्री कृष्ण में समाहित है। गिरिराज को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव के अलावा अन्य मुख्य अवसरों पर 56 भोग का नैवेध अर्पित
महाराज युधिष्ठिर ने जब सुना कि श्रीकृष्ण ने अपनी लीला का संवरण कर लिया है और यादव परस्पर की कलह से ही नष्ट हो चुके है, तब उन्होंने अर्जुन के पौत्र परिक्षित का राजतिलक कर दिया। स्वयं सब वस्त्र एवं आभूषण उतार दिए। मौनव्रत लेकर केश खोले, वीर - सन्यास लेकर वे राजभवन से निकल
सफलता का आध्यात्मिक नियम “अनासक्ति का नियम” है। इस नियम के अनुसार व्यक्ति को भौतिक संसार में कुछ भी प्राप्त करने के लिए वस्तुओं के प्रति मोह त्यागना होगा। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपने उद्देश्यों को ही छोड़ दे। उसे
परिस्थितियाँ किसी के भी साथ न तो सदा अनुकूल रहती है न प्रतिकूल और न ही किसी एक वर्ग या व्यक्ति के किए बनती है इसलिए सदा अनुकूलता की उम्मीद करना न केवल व्यर्थ है, बल्कि अनावश्यक, अनुचित व हानिकारक भी है। उचित ये होगा की आप परिस्थितियाँ किसी के भी साथ न तो सदा अनुकूल रहती
ध्यान टिकाने की कला बहुत से लोग सीखना चाहते हैं, परंतु अलग-अलग कारणों से। कुछ लोग शांति पाने के लिए इसे सीखना चाहते हैं तो कुछ लोग शारीरिक स्वास्थ्य में लाभ के लिए। कुछ लोग इसका अभ्यास अपनी एकाग्रता बढ़ाने के लिए करते हैं, ताकि अपने काम या अध्ययन में बेहतर हो पाएं। कुछ इ
टार्टर से मसूड़े सिकुड़ने लगते हैं और इससे दाँत के जडों का ज्यादा दिखाई देने लगते हैं। टार्टर दाँत की अंदरूनी सतह पर जमा हो जाता है। सोते समय मुँह में लार इकट्ठी हो जाती है। इससे नीचे के सामने के दाँतों में टार्टर जमा हो जाता है। और जैसे ही एक बार टार्टर बनना शुरू होता है
प्रपंच छोड़ें: प्रपंच बड़ा चटपटा शब्द है। लोग इसे चटखारे ले कर इस्तेमाल करते हैं। मसलन, बहू के भाई ने इंटरकास्ट मैरिज कर ली। बस फिर तो बहू का ससुराल के लोगों से नजरें मिलाना मुश्किल हो गयासासूमां अपने दिए संस्कारों की मिसाल देदे कर बहू के
देखत स्यामल धवल हलोरे। पुलकि सरीर भरत कर जोरे।। सकल कामप्
सनाका रोम के महान दार्शनिक और सम्राट नीरो के गुरू थे। उन्होंने नीरो को सम्राट बनाने में उसकी माँ की मदद भी की थी। नीरो को शक हो गया कि उसके राजगुरू सनाका उसके विरुद्ध षड्यंत्र कर रहे हैं। नीरो ने सनाका को राजदरबार में नस काटकर बूँद-बूँद रक्त के बहने से होने वाली मौत की
एक मिल मालिक के दिमाग में अजीब-अजीब ख्याल आया करते थे। जैसे सारा संसार मिल हो जाएगा, सारे लोग मजदूर और वह उनका मालिक या मिल में और चीजों की तरह आदमी भी बनने लगेंगे, तब मजदूरी भी नहीं देनी पड़ेगी, वगैरा-वगैरा। एक दिन उसके दिमाग में ख्याल आया कि अगर मजदूरों के चार हाथ हो त