काशी में एक कर्मकांडी पंडित का आश्रम था, जिसके सामने एक जूते गांठने वाला बैठता था। वह जूतों की मरम्मत करते समय कोई न कोई भजन जरूर गाता रहता था। पंडित जी का ध्यान कभी उसके भजन की तरफ नही ंगया। एक बार पंडित जी बीमार पड़ गए और उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया। उस समय उन्हें वे भजन सुनाई पडे़। उनका मन रोग स
अस्थमा फेफड़ों की क्राॅनिक समस्या हैए जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। बच्चों में होनी वाले अस्थमा की पहचान कर उसका इजाज और मैनेजमेंट जल्द से जल्द शुरू कर देना जरूरी होता है। बच्चें में अस्थमा के शुरूआती लक्षणों की पहचान कर पाना कई माता . पिता के लिए मुश्किल भरा काम होता
साबुत अनाज: साबुत अनाज से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। मेटाबाॅलिज्म में सुधार होता है और ये वजन घटानें में मददगार होते है। इनसे हृदय संबंधी रोग, स्ट्रोक, डायबिटीज व कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। जौ: इसमें अन्य अनाज की तुलना में फाइबर ज्यादा ह
खराब जीवनशैली, जंकफूड व शारीरिक गतिविधियों के अभाव से मोटापें की समस्या होती है। इससे हृदयरोग, ब्लडप्रेशर, मधुमेह, हाई कोलेस्ट्राॅल जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है। मोटापा कम करने के लिए नियमित व्यायाम के साथ कम कैलौरीयुक्त चीजें लेेने की जरूरत होती हैं। जानते है इसके बारे में-फलों
गोंद एक ऐसा प्राकृतिक द्रव्य है जो पेड़ों से प्राप्त होता है। लगभग हर तरह के पेड़ों से प्राप्त गोंद का गुणधर्म अलग होता है। यानी उसमे उस पेड़ के ही गुण पाए जाते है। पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ इसका औषधीय महत्व भी बहुत अधिक है। पकवान व मिठाई बनाने में इसका जितना उपयोग किया जाता है उतना ही आयु
चेहरे पर एक या दो मुहासों दिख जाएं तो यह स्थिति कई लड़कियों के लिए शर्मनाक होती है। पर अब चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपके घर में मौजूद तुलसी की पत्तियाँ ही चेहरे पर ऐसा असर करेगी कि आपकों बाजारू क्रीम के पीछे भागने की जरूरत नहीं पडे़गी। चमत्कारी तुलसी के लाभ
फूल न केवल खुशबू बिखेरते है बल्कि हमें खूबसूरत भी बनाने की क्षमता रखतें है। साथ ही हमारे मस्तिष्क और शरीर को खुश रखते हैं। प्राचीन काल में गुलाब, जैसमिन, लैवेंडर जैसे फूलों का प्रयोग साइकोसोमैटिक समस्याओं के लिए किया जाता था। मानसिक दबाव में भी फूल हमें तनावरहित करते है। आज के जमाने मे तनाव से मु
एक व्यस्क में सामान्य रक्तचाप 100/60 से लेकर 130/80 उउभ्ह के बीच होता है। यदि रक्तचाप लगातार 140/90 से ज्यादा बना रहता है तो उसे उच्च रक्तचाप कहते है। उच्चरक्तचाप के प्रकारआवश्यक उच्चरक्तचाप: सबसे अधिक पाया जाने वाला उच्चरक्तचाप है जो 90-95, उच्
घबराहट कहीं भी, कभी भी और किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। यह एक मानसिक परेशानी भी है। जो लोग कमजोर दिल वाले होते है उन्हें घबराहट बहुत जल्दी होती है। घर से बाहर, सफर करते हुए, भीड़ मे, मेहनत का काम करने अथवा गर्मी में ज्यादा रहने से भी घबराहट हो सकती है। चिकित्सा- किसी भी व्यक्ति को जब घ
पिछले कुछ दशकों से दमा पीडि़त मरीजो की संख्या मे प्रदूषण के कारण तेजी से वृद्धि हो रही है। अनुमान है कि लगभग दस प्रतिशत व्यक्ति जीवन में कभी न कभी दमा ग्रसित अवश्य हो जाते है। दमा के मरीजों को बार-बार श्वांस फूलने के अटैक होते है साथ ही खांसी और बलगम आने की समस्या हो सकती है। लक्षण स्वतः या उपचार