अदरक मल भेदक, भारी, तीक्ष्ण, गर्म, उदराग्नि वर्धक, वातकफनाशक होता है। भोजन से पहले अगर अदरक को नमक के साथ खाया जाए तो यह अग्नि को प्रदीप्त करता है, जीभ और कंठ को शुद्ध करता है। अदरक कुष्ठ, पीलिया, मूत्र कृष्ठ, रक्त पित्त, घाव, फोड़े, ज्वर, दाह आदि रोगों को नष्ट करता है। अदरक सर्दी, जुका
1. मेष राशि का अधिपति मंगल ग्रह शरीर के मस्तिष्कीय क्रियाकलापों से संबंधित है। 2. वृष राशि का अधिपति शुक्र है, इसका संबंध शरीर के ग्रीवा - कंठ से है। 3. मिथुन राशि का अधिपति बुध है। इसका संबंध छाती और पेट से है। 4. कर्क राशि चैथी राशि है। इसका अधिपति चंद्रमा है। इसका
पानी ज्यादा पीएँ, लेकिन थोड़ा-थोड़ा और जल्दी- जल्दी। एक बार में बहुत ज्यादा पानी पीने से शरीर की अग्नि मंद होती है, जिससे डायरिया, उल्टी आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। घर में बने अच्छे ड्रिंक्स का सेवन करें। इसके लिए अनन्नास, सेब, मौसमी, नीबू रस
अर्जुन वृक्ष भारत में होने वाला एक औषधीय वृक्ष है। इसकी छाल पेड़ से उतार लेने पर फिर उग आती है। छाल का ही प्रयोग होता है आयुर्वेद ने तो सदियों पहले इसे हृदय रोग की महान औषधि घोषित कर दिया था। आयुर्वेद के प्राचीन विद्वानों में वाग्भट, चक्रदत्त और भावमिश्र ने इसे हृदय रोग की महौषधि स्वीकार किया है।
सर्दियों में मूली खाना सेहत के हिसाब से काफी अच्छा होता है। मूली में प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा मूली में क्लोरीन, फास्फोरस, सोडियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। मूली में विटामिन ए, बी और सी भी होता है। यहाँ हम आपको बताते हैं मूली के कुछ फायद
मस्तिष्क संबंधी रोगों में सौंफ अत्यंत गुणकारी है। यह मस्तिष्क की कमजोरी के अतिरिक्त दृष्टि - दुर्बलता, चक्कर आना एवं पाचनशक्ति बढ़ाने में भी लाभकारी है। इसके निरंतर सेवन से दृष्टि कमजोर नहीं होती तथा मोतियाबिंद से रक्षा होती है। उलटी, जी मिचलाना, पित्त - विकार, जलन, पेटदर्द, अग्निमांद्य, पेचिश, म
कोलकाता के एक सेठ जी के मन में आया, पैसा तो खूब है मेरे पास, ऐसी बिल्ंिडग बनाऊं वैसी आसपास कहीं न हो। बिल्ंिडग बनना हुआ प्रारम्भ, मंजिल पर मंजिल चढ़ती गई और भरपूर पैसा खर्च कर बन गया शानदार भवन। जो भी देखता, तारीफ करता सेठ जी से और इससे हुआ यह कि सेठ जी को बिल्डिंग की तारीफ सुनने का लग गया च
आईये, जरा सोंचे हम कितने आदमी कितनी अधिक आधारभूत सुविधाओं से वंचित हैं, और हम उस लाईन में कहाँ खड़े हैं ?क्या मैं स्वस्थ रहने के लिए अहर्निश प्रयास कर रहा हूँक्या मेरा जीवन सेवा परायण है ? क्या मैं संयम एवं सादगी का जीवन बिता रहा हूँ ?क्
अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस 3 दिसम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को देश की मुख्य धारा में लाने के लिए मनाया जाता है। वर्ष 2013 हेतु अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस का थीम- “बंधनों को तोड़ो, दरवाजों को खोलो- सभी का विकास समावेशी समाज में” था। अन्तरराष्ट्रीय विकलांग
संसार में आधे लोग नकारात्मक विचारक हैं और आधे सकारात्मक विचारक। जैसे ही आप नकारात्मक विचारक हुए तो सभी नकारात्मक लोगों की शक्ति और सारी नकारात्मक चीजें, विचारों की तारों के जरिए आपकी तरफ आना शुरू हो जाती हैं। अगर आपने नकारात्मक सोच बंद कर दी तो नकारात्मक चीजें आपकी तरफ बंद (रुक) हो जाती