जीवन केवल धन कमाने के लिए नहीं, वह धर्म कमाने और पुण्य बढ़ाने के लिए भी है। पुण्य को बढ़ाये बिना जीवन में बरकत संभव नहीं है। धर्म को बढ़ाये धन बढ़ने वाला नहीं है। धन की तृष्णा है। यह काम वासना से भी भयंकर है। धर्म से ही मन की भूख तो तृप्त किया जा सकता है। धर्म फासलों को कम करने के लिए और दी
शुगर व ब्लड प्रेशर रोगी कर छः माह बाद गुर्दों की जांच अवश्य करायें। शुगर व ब्लड प्रेशर का सही स्थायी उपचार करवायें। छोटी-छोटी बीमारियों के लिए अंग्रेजी दवाईयां व दर्द निवारक दवाईयां खाने से परहेज करें। हर आदमी को प्यास के अनुसार पानी अवश्य पीना चाहिए लेकिन बहुत ज्यादा पानी पी
दाद के लक्षण - जब शरीर पर लाला रंग के धब्बे, खुजलाहट या फिर सूजन दिखे तो उसको जल्द से जल्द डाॅक्टर को दिखा लेना चाहिये, क्योंकि यह रिंगवर्म के संकेत हो सकते हैं। कई बार यह दाग गोल आकार का होता है, जिससे आसानी से समझ में आ जाता है। अक्सर दाद छोटे बच्चों को होता है, इसलिये अगर उसके शर
एक शोध के अनुसार शहद खांसी में किसी दवाई से ज्यादा असरदार होती है। इसमें प्रतिरोधक क्षमता होती है जो खांसी के कीटाणु को नष्ट करती है। यह तरीका बच्चे बड़े सभी पर असरदार होता है, और खाने में टेस्टी होने के कारण सब इसे चाट चाट कर खाते है। 1 चम्मच शहद को दिन में 3 बार लें इससे आपको जरुर आराम मिलेगा।
1. सुबह मे पेट भर भोजन करें। जबकि रात मे बहुत हल्का भोजन करें। 2. रात को खीरा, दही और कोई भी वात उत्पन्न करने वाली चीज न खाये। 3. दही के साथ उड़द की दाल न खाये। जैसे- दही और उड़द की दाल का बना हुआ भल्ला। 4. दूध के साथ नमक या नमक की बनी कोई भी चीज न खाये। क्य
लौंग की छोटी-सी काली कली गुणों की खान है। यह कटु, चरपरी, हल्की, कसैली होती है। यह नेत्रों के लिए अत्यंत गुणकारी होती है। यह पाचक तथा रुचि को बढ़ाने वाली होती है। यह कफ-पित्त दोष को शांत करने वाली तथा दूषित रक्त को शुद्ध करने वाली होती है। लौंग में सूक्ष्म जीवों को मारने की शक्ति होती है, इ
1929 ई. में बर्लिन विश्वविद्यालय ने शंख-ध्वनि का अनुसंधान करके यह कह दिया है कि शंख-ध्वनि की लहरें बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिये उत्तम एवं सस्ती औषध है। प्रति सेकेंड सत्ताईस घन फुट शक्ति के जोर से बजाया हुआ शंख 2200 फुट दूरी के बैक्टीरिया को नष्ट कर डालता है और 2600 फुट की दूरी तक इस ध्वनि से व
केला एक ऐसा फल है, जिसे अधिक से अधिक लोग खाते हैं, यह न केवल पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है बल्कि थोड़ी-बहुत देर के लिए ऐसे खाने से भूख मिट जाती है। केला ऐसा फल भी माना गया है जिसका सेवन करने के बाद दूध पीने से तमाम जरूरी विटामिन पाया जाती है। केला सुपाच्य फल है, जो वायु विकार नहीं करता। पेट
हमेशा पानी को घूट-घूट करके चबाते हुए पीए और खाने को इतना चबाये की पानी बन जाये। किसी ऋषि ने कहा है कि ‘‘खाने को पियो और पीने को खाओ’’। खाने के 40 मिनट पहले और 60 - 90 मिनट के बाद पानी पिये और फ्रीज का ठंडा पानी, बर्फ डाला हुआ पानी जीवन में कभी भी नहीं पिये। गुनगुना
दर्द का एहसास क्यों उत्पन्न होता है इसके कई कारण हैं। 1. अनुचित प्रकार का भोजन लेना। 2. ट्रेनिंग के पहले नर्म मांसपेशियों को मोड़ना या इसकी अनुपस्थिति इसमें साधारण और विशेष दोनों प्रकार का मोड़ना आता है। 3. अन्य स