एक बार ऐसा हुआ, बुद्ध ने अपने शिष्यों से पूछा-’’क्या तुम कोई ऐसी चीज खोज सकते हो जो जीवन में पूरी तरह व्यर्थ हो यदि ढूँढ सकते हो तो उसे अपने साथ ले आना।’’ शिष्य कई नों तक सोचते रहे और बुद्ध उनसे प्रतिदिन पूछते ’’क्या हो रहा है? क्या त
1. यदि शरीर रुपवान हो, पत्नी भी रूपसी हो और सत्कीर्ति चारों दिशाओं में विस्तरित हो, मेरु पर्वत के तुल्य अपार धन हो, किंतु गुरु के श्रीचरणों में यदि मन आसक्त न हो तो इन सारी उपलब्धियों से क्या लाभ । 2. सुन्दरी पत्नी, धन, पुत्र-पौत्र,
एक दिन थॉमस अल्वा एडिसन जो कि प्रायमरी स्कूल का विद्यार्थी था, अपने घर आया और एक कागज अपनी माताजी को दिया और बताया- ‘‘मेरे शिक्षक ने इसे दिया है और कहा है कि इसे अपनी माताजी को ही देना..!’’ उक्त कागज को देखकर माँ की आँखों में आँसू आ गये और
सही भोजन - भोजन थोड़ा-थोड़ा भले हो, अनेक बार हो। यह संतुलित, पोषक तथा कम चिकनाई वाला हो। सही जीएँ - पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें, किन्तु शराब आदि के उपयोग पर अकुंश लगावें।
त्वचा में निखार आता है, कील-मुँहासों की शिकायतें भी दूर होती हैं। पेट में रहनेवाले कृमियों का नाश होता है और भूख लगने में मदद मिलती है। बढ़ती हुई आयु की वजह से होने वाली रक्तचाप की बीमारी और रक्त के विकार नष्ट होने में सहायता मिलती है, मुँह फूलना, घमौरियां आना, आँखों की
आहार नाल अग्र भाग में मुख से प्रारंभ होकर पश्च भाग में स्थित गुदा द्वारा बाहर की ओर खुलती है। मुख, मुखगुहा में खुलता है। मुखगुहा में कई दाँत और एक पेशीय जिह्वा होती है। प्रत्येक दाँत जबड़े में बने एक साँचे में स्थित होता है। मुखगुहा एक छोटी ग्रसनी में खुलती है जो वायु एव
सबसे पहले रोगी के दस्तों को देखकर उचित घरेलू दवा देने की व्यवस्था करें। उसे साबूदाना तथा बार्ली दें। अनार का रस, मौसमी का रस और नीबू-पानी बार-बार दें। अतिसार में पिण्ड खजूर बहुत लाभदायक है। दस्त लगते ही 6-7 खजूर खा लें। पानी एक घंटा बाद पीएं। 10 ग्राम कवाब चीनी का चूर्ण
जब कभी भी हम हेल्दी स्नैक्स के बारे में सोचते हैं तो सबसे बेहतर विकल्प के तौर पर दिमाग में सबसे पहले बादाम, अखरोट और पिस्ता आदि दिमाग में आते हैं। शायद आप इन सभी को ड्राई फ्रूट्स पुकारते हों, लेकिन वास्तव में ड्राई फ्रूट्स और नट्स के बीच फर्क होता है। हालांकि दोनों ही ह
यह प्रकट सत्य है कि मरने वाले के साथ कोई नहीं मरता और व्यक्ति को अकेले ही यह यात्रा करनी होती है। परिवार के सभी सदस्य रोते कलपते रह जाते हैं, और कोई कितना ही आत्मीय हो, वह मरने वाले के साथ नहीं जाता। मनुष्य मरते समय परिवार की ही क्या, संसार के सभी पदार्थ यहाँ तक कि खुद
नब्बे वर्ष के एक व्द्ध से किसी जिज्ञासु ने पूछा-आपका शरीर पूर्ण स्वस्थ है। आपके शरीर में अपार स्फूर्ति है। आपके भव्य और दिव्य चेहरे को देखकर ऐसा लगता है कि आप पूर्ण रूप से सुखी हैं। वृद्ध ने स्वीकृति सूचक सिर हिलाया और कहा -मैं सुखी हूँ, स्वस्थ हूँ। जिज्ञासु ने