हमें यह बात हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि मन का परमात्मा के साथ घनिष्ठ संबंध है। मन और ब्रह्म दो भिन्न वस्तुएं नहीं हैं। ब्रह्म ही मन का आकार धारण करता है। अतः मन अनंत और अपार शक्तियों का स्वामी है। मन स्वयं पुरुष है एवं जगत का रचयिता है। मन के अंदर का संकल्प ही बाह्य जगत में नवीन आकार ग्रहण करता
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम समसामयिक है। भारतीय जनमानस के रोम-रोम में बसे श्रीराम की महिमा अपरंपार है। एक राम राजा दशरथ का बेटा, एक राम
भारतीय जनमानस में गंगा स्नान का विशेष महत्व है। गंगा भारत की ही नहीं बल्कि विश्व की पवित्रतम नदी है। इस तथ्य को भारतीय तो मानते ही है, विदेशी विद्वान भी इसे स्वीकार करते है। जिस प्रकार संस्कृत भाषा को देववाणी कहा जाता है, उसी प्रकार गंगाजी को देवनदी कहा जाता है। प्रचलित
मां गायत्री को वेदमाता कहा जाता है अर्थात सभी वेदों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है। गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मां गायत्री का अवतरण माना जाता है। इस दिन को हम गायत्री जयंती के रूप में मनाते है। इस बार गायत्री जयंत
हमारे कृषि प्रधान भारत में जल का अधिक महत्त्व है। आषाढ़ मास से जल के अमृत बिन्दुओं का स्पर्श होता ही धरती से सीधी गंध उठने लगती है। कई दिनों की धरती की प्यास बुझ जाती है। शीतल मधुर जल पाकर पेड़-पोधे हरे-भरे होने लगते है। चारों और हरियाली छा जाती है। रंग-बिरंगे फूलों पर रंगबिरंगी तितलियाँ मँडराने लग
लाभकारी है तरबूज की खेती तरबूज की खेती शुरू करने के लिए यह सही समय है। किसान तरावट देने वाले तरबूज की खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं। गर्मियों में इसकी मांग भी ज्य़ादा रहती है जिससे किसा
क्या है कृत्रिम रक्त? वैसे तो कई लोग, रक्त दान करते हैं, लेकिन फिर भी दुनिया भर में, कई अस्पतालों को रक्त दान की कमी से जूझना पड़ता है। कृत्रिम रक्त इस समस्या का समाधान हो सकता है। वैज्ञानिक, कृत्रिम रक्त बनाने की कोशिश
रक्तदान है महादान रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए ख
निम्बू के बारे में सभी जानते हैं और हम रोज-मर्रा की जरूरतों में इनका खूब प्रयोग भी करते हैं। सलाद में, शरबत में, चटनी और अन्य खाद्य-पदार्थों में निम्बू का प्रयोग किया जाता है। हम यह भी जानते हैं कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन शायद हम इसके फायदों को उतनी बारीकी से नहीं ज
सुंदर पत्नी यशोधरा, दुधमुंहे राहुल और कपिलवस्तु जैसे राज्य का मोह छोड़कर सिद्धार्थ तपस्या के लिए चल पड़े। वह राजगृह पहुंचे। वहां उसने भिक्षा मांगी। सिद्धार्थ घूमते-घूमते आलार कालाम और उद्दक रामपुत्र के पास पहुंचे। उनसे उसने योग-साधना सीखी। समाधि लगाना सीखा, पर उससे उन्हें संतोष नहीं हुआ। वह उरुवेला