दया धर्म मूल है। सभी धर्मग्रंथों में दया पर ही अधिक जोर दिया गया है। अगर आप दया नहीं कर सकते हैं तो आपका यह मानव जीवन निरर्थक है। यह तो उसी प्रकार की बात हुई कि जन्म लिया, खाए-पिए, बड़े हुए, विवाह-शादी हुई, वंशवृद्धि की परिवार को आगे बढ़ाया और कालांतर में जीवन यात्रा पूरी कर पहुंच गए भगवान के घर। ऐ
तुलसी मीठे वचन ते, सुख उपजत चहुं ओर। वशीकरण इक मंत्र है, तज
सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी माँ से देश सेवा की आज्ञा माँगी। माँ ने कहा,’’ बहुत मुश्किल काम है बेटा-देश सेवा। गद्दी पर बैठना और हुकूमत चलाना आसान नहीं, उसमें झाडू-बुहारी से लेकर दुष्टों के संहार तक के दुष्कर कार्य करने पड़ते है। जिस दिन मुझे यह यकीन हो जायेगा कि तू भी कठिन से कठिन काम क
मौर्य साम्राज्य की राजधानी के बाहर यमुना तट पर वासवदत्ता मैले-कुचैले वस्त्र पहने रुग्ण अवस्था में पड़ी हुई थी, जो किसी समय मथुरा की सर्वश्रेष्ठ नर्तकी और सुन्दरी मानी जाती थी। रसिकों का उसके निवास पर जमघट लगा रहता था। समय की मार ने उसका सारा धन-वैभव छीन लिया। गम्भीर रोग के कारण शरीर घावों से भर गय
सफलता हमारा स्वभाव है। विकास स्वाभाविक क्रिया है। इंसान यदि कुछ भी न करे तो भी वह कुदरत द्वारा सफलता की तरफ खुद-ब- खुद ढ़केला जायेगा। यदि ऐसा है तो फिर प्रश्न उठता है कि हम अपने आस-पास सभी लोगों को सफल क्यों नहीं देखते? कारण इंसान ‘कुछ नहीं करना’ कहाँ जानता है? वह अज्ञानता में बहुत कुछ
एक आदमी के दो बच्चे थे। एक छह साल का और दूसरा दस साल का। आदमी दोनों बच्चों के साथ एक मनोरंजन पार्क में घूमने गया। लेकिन पार्क में सिर्फ पांच-साल तक की उम्र के बच्चों का टिकट माफ था। लेकिन वह दोनों बच्चों का फ्री में प्रवेश चाहता था। उसने अपना दिमाग दौड़ाया। उसने छह साल के बच्चे से कहा, जब टिकट खिड़
पिछले साल ऐसी बहुत सी अफवाहें सुनने को मिली कि आँखों को स्कैन करने वाली तकनीक को स्मार्टफोन में देखा जा सकता है और ऐसी अटकलें भी लगाई गई सैमसंग अपने फ्लैगशिप डिवाइस में आईरिस स्कैनिंग तकनीक का प्रयोग करेगा। मगर ऐसा हुआ नहीं। हालांकि 2015 की शुरूआत में हमें इस तकनीक की स्मार्टफोन में एक झलक देखने
लौंग आदि सुगंधित पदार्थों का चूर्ण आवश्यकतानुसार ताजा बनाकर उपयोग में लेना चाहिए अन्यथा उसमें से ऊध्र्वगमनशील तेल उड़ जाता है और उसका गुण कम हो जाता है। लौंग का अधिक मात्रा में सेवन करने से आँख, मूत्राशय और हृदय पर अनिष्ट प्रभाव पड़ता है। यूनानी मतानुसार लौंग खुश्क-उत्तेजक और गर्म है। इसका सेवन करन
अन्नमय कोशः शरीर की स्थूल अवस्था। नियमित यौगिक क्रियाएँ, आसन और सात्विक भोजन करने से स्वास्थ्य ठीक रखा जा सकता है। प्राणमय कोशः शरीर की सूक्ष्म अवस्था। नियमित प्राणायाम करने से स्वैच्छिक रूप से श्वास-प्रश्वास का नियंत्र
गर्मी की धूप महिलाओं की त्वचा के लिए ही नुकसानदेह नहीं होती, यह आपकी त्वचा को भी झुलसा सकती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप अपनी त्वचा की खूबसूरती बरकरार रख सकते हैं। गर्म मौसम की बुरी नजर से बचे रहने और त्वचा की चमक को बनाए रखने के लिए इन उपायों को जरूर आजमाएं -