06-Jun-2015
व्यवहारिक ज्ञान

खुश रहने के 6 मूल मंत्र (व्यवहारिक ज्ञान )

1.    स्माइल - सबसे अधिक जरूरी है आपका मुस्कुराना। परिस्थिति चाहे जैसी हो आपके चेहरे पर एक मुस्कान सजी रहेगी तो हर मुश्किल आसान लगने लगेेगी। 2.    प्रेरणा - जिस व्यक्ति का काम अच्छा लगे उससे प्रेरणा लें। अखबार के अलावा किताबें पढ़ने की आदत डालें। हर व्यक्ति मे


03-Jun-2015
व्यवहारिक ज्ञान

गैस रिसाव से बचाव के उपाय (व्यवहारिक ज्ञान )

किसी के घर में गैस रिसाव होने पर थोड़ी सी सूझबूझ और सावधानी की जरूरत है। गैस के रिसाव से बचने के उपायों पर एक नजर जरूर डालें।गैस सिलेण्डर लेते समय ही लीकेट की जाँच अवश्य करें।सिंथेटिक (पोलिस्टर) कपड़े पहन कर खाना नहीं बनाना चाहिये।अगर गैस रिवास (लीक) हो


23-May-2015
व्यवहारिक ज्ञान

कैसे व्यवहार करे रिष्तेदारों से (व्यवहारिक ज्ञान )

दुनिया अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोगों से बनी है। न चाहते हुए भी हममें से हर परिवार में ऐसे कुछ रिश्तेदार होते हैं जो थोड़े काॅम्पलिकेटेड या कहें त्रिटिकल होते है। उनका यह स्वभाव कई बार लोगों को फ्रस्टेट और अपसेट तक कर देता है। पर हम चाहें तो ऐसे रिश्तेदारों को आसानी से हैंडल भी कर सकते हैं वो भी ब


21-May-2015
व्यवहारिक ज्ञान

जीवन में बदलाव के 10 बड़े सूत्र (व्यवहारिक ज्ञान )

जब किसी के जीवन में बदलाव आता है, तो वह केवल उस एक व्यक्ति को प्रभावित नहीं करता। उसका परिवेश भी बदलता है। यहां कुछ ऐसे ही सूत्र दिए जा रहे है, जो आपके साथ-साथ दुनिया को खुशहाल बनाएंगे। ये हैं आपके लिए 1. दिल$दिमाग = गति:- किसी भी काम को दिल और दिमाग दोनों से करें, पर अक्सर यह आसान


20-May-2015
व्यवहारिक ज्ञान

क्यों न दुःखों का भी उल्लास मनाया जाए (व्यवहारिक ज्ञान )

न तो कोई समय खराब होता है और न ही कोई परिस्थिति। न कोई स्थान खराब होता है और न ही कोई घटना। चाहे ये कितने भी खराब क्यों न हों, इन सभी में कोई न कोई गुणवत्ता छिपी ही रहती है। यदि समय कठिन है, यदि परिस्थितियाँ विपरीत हैं, तो वे हमें लड़ना सिखाकर मजबूत बनाती हैं। सोचिए कि यदि भगवान राम को वनव


18-May-2015
व्यवहारिक ज्ञान

आॅफिस में बेहद शालीन हो आपका बर्ताव (व्यवहारिक ज्ञान )

ंआवाज धीमी हो और अंदाज शालीन आॅफिस में ऊंची आवाज में बात न करें। किसी को अभिवादन करना है तो भी आवाज बहुत तेज न रखें, क्योंकि इससे आपके आसपास बैठे सहकर्मी डिस्टर्ब हो जाते हैं। यदि आॅफिस में आपका लिखने-पढ़ने से संबंधित काम है तो यह नियम और भी जरूरी हो जाता है। शालीन अंदाज और धीमी आवाज में क


15-May-2015
व्यवहारिक ज्ञान

अपना दुःख हर एक को न बताएं (व्यवहारिक ज्ञान )

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हर एक को अपनी बीमारी बताते हैं, ’मुझे ऐसा दर्द होता है.......... ऐसी पीठ दुखती है............... ऐसा सिर दर्द होता है....... वैसा कमर का दर्द रहता है........।’ आज तक जितने भी लोग उन्हें मिले हैं, सबको उन्होंने अपनी दुःखों की कहानी बतायी और एक बार नहीं बतायी