मुलेठी का चूर्ण या काढ़ा बनाकर उसका प्रयोग एसिडिटी रोग को नष्ट करता है।नीम की छाल का चूर्ण या रात में भीगाकर रखी छाल का पानी छानकर पीना रोग को शांत करता है। अम्लपित्त (एसीडीटी) रोग में तरल पदार्थ (माइल्ड लेक्सेटिव) देना चाहिए।इस हेतु त्रिफला का प्रयोग या दूध के साथ
दूध जहां कैल्शियम से भरपूर होता है वहीं दूसरी तरफ हल्दीस में एंटीबायोटिक होता है। दोनों ही आपके स्वाीस्य्और के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। और अगर दोनों को एक साथ मिला लिया जाये तो इनके लाभ दोगुना हो जायेगें
* रात्रि भोजन करने के बाद पन्द्रह से बीस मिनट धीमी चाल से सैर कर लेने के बाद ही बिस्तर पर जाने की आदत बना लेनी चाहिए। इससे अच्छी नींद के अलावा पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।
जैसे कम नींद आना एक समस्या है, वैसे ही ज्यादा नींद आने से भी लोग परेशान होते हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि एक व्यक्ति को सामान्य तौर पर 8 घण्टे स
अधिकांशतः अनियमित जीवनशैली तथा उठने-बैठने के गलत तरीकों के कारण नसों में ज्यादा दर्द होता है खासकर कमर से लेकर पैर की नसों तक। साइटिका एक ऐसा ही दर्द है। दरअसल साइटिका खुद में बीमारी नहीं बल्क
आज से करीब पाँच हजार साल पहले ही हरे धनिए का उपयोग हमारे खान-पान में किया जाने लगा था। कुछेक जाति के लोग हरा धनिया खाने के बहुत शौकीन थे। वे इसके बिना कुछ भी नहीं बना पाते थे। 18 वीं सदी में धनिए के बीजों का उपयोग माउथफ्रेशनर बनाने के लिए किया गया। साथ ही शाकाहारी, नमकीन, सूप आदि मे
पत्ता गोभी जिसे हम बंद गोभी के नाम से भी जानते हैं, ब्रेसिका परिवार का एक सदस्य है जिसमें अन्य सब्जियां जैसे - ब्रोकली, फूलगोभी और ब्रूसल स्प्राउट आते है। यह सभी सब्जियां बड़ी और फूल के आकर की बड़े पत्तों वाली होती है। जिनकी पैदावार की शुरूआत, पूर्वी भूमध्&z
योग निद्रा का अर्थ है जागते हुए सोना। इसमें व्यक्ति जागृत रहते हुए सोता है। पूर्ण शिथिलन की अवस्था में ही योग निद्रा संभव है।हमने शरीर में, मन में इतनी उत्तेजना, इतना तनाव, इतनी फलाकांक्षा, इतनी आसक्ति इतनी व्यग्रता भर ली है कि हम अपने अस्तित्व की सहज अनुभूति खो बैठे है, योग निद्रा उस सहज अनुभूति
हम अपनी हड्डियों की परवाह तब तक नहीं करते जब तक कि कोई हड्डी टूट न जाए या बुढ़ापे में कोई बीमारी न हो जाए। हमारी हड्डियों को जीवनभर देखभाल और पोषण की आवश्यकता होती है। कंकाल तंत्र में हड्डियां, नस, अस्थि, अपास्थि आदि शामिल हैं। यह कई महत्वपूर्ण कार्य करता है जैसे कि रक्त की संरचना को बनाए रखना, श
क्योंकि शरीर का आंतरिक तापमान अधिक होता है, अगर हम अत्यधिक ठंडा पानी पीते है तो वह आंतरिक अंगों की कार्यक्षमता को शिथिल कर देता है। सवेरे सोकर उठते ही 2-3 गिलास पानी लें| सुबह खाली पेट पानी का सेवन शरीर के लिए बहुत लाभप्रद है, कारण यह है कि सुबह खाली पेट होने से शरीर को आसानी से ग्रहण